लेखनी कविता - गीता सार - अध्याय १६

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अध्याय १६ श्रीभगवान् बोले भय-हीनता, दम, सत्त्व की संशुद्धि, दृढ़ता ज्ञान की ॥ तन-मन सरलता, यज्ञ, तप स्वाध्याय, सात्त्विक दान भी ॥१॥ मृदुता, अहिंसा, सत्य करुणा, शान्ति, क्रोध-विहीनता ॥ लज्जा, अचंचलता, ...

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